संवाद शैली में लिखी इस पुस्तक का उद्देश्य, हमारे मन में अंतरिक्ष के प्रति जागने वाली सहज जिज्ञासाओं का उत्तर देना है। अंतरिक्ष का रहस्य हम सभी को रोमांचित करता है। बचपन से ही चाँद, तारे, सूरज हमें आकर्षित करते हैं और अनबूझे प्रश्न घेरने लगते हैं। बच्चों का मार्गदर्शन करने की ज़िम्मेदारी परिवार जनों की, घर के बड़ों की होती है। ऐसे में परिवार का बड़ा दायित्व बनता है कि वह अपने बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास करे। पुस्तक के काल्पनिक परिवार के छोटे पर उत्सुक बच्चे बंटी और उसकी बड़ी बहन रिमझिम में जिज्ञासा कूट-कूट कर भरी है। आकाशगंगा और सौरमंडल से गुजरते हुए अंतरिक्षयानों, उपग्रहों और अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में अपने प्रश्नों का उत्तर घर के बड़े यानि नयना बुआ, दादाजी और रमन चाचा से प्राप्त करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बारे में जानकारी लेकर ये भारतीय प्रक्षेपण यान और भारतीय उपग्रहों के बारे में सीखते हैं। कुछ नई-नई रोचक बातें भी इस पुस्तक में समाहित हैं।