1. प्राचीन भारतीय वनों की पवित्रता और उनकी उपयोगिता
1. प्रकृति पूजा
2. प्राचीन भारत के वन
2.1 दंडक वन
2.2 काम्यक वन
2.3 द्वैत वन
2.4 खांडव वन
2.5 नैमिष वन
2.6 अन्य वन
3. प्राचीन समय में जैव विविधता
4. पवित्रता
5. निष्कर्ष एवं अनुशंसाएँ
2. पवित्र स्थल, वृक्ष एवं उपवन: एक संक्षिप्त विवरण
1. पवित्र स्थल
2. पूज्य पौधे
3. पूज्य उपवन
4. भारत में पवित्र उपवन
4.1 पवित्र उपवनों के प्रकार
5. पवित्र उपवनों का महत्व
5.1 धार्मिक-सांस्कृतिक लाभ
5.2 जैव-विविधता का संरक्षण
5.3 औषधीय महत्व
5.4 अकाष्ठ उत्पादन का स्रोत
5.5 जल आपूर्ति के स्रोत तथा जलभृतो का पुनः भरण
5.6 पोषण चक्र में मृदा व जल का संरक्षण
5.7 कार्बन चक्रण तथा कार्बन प्रच्छादन
5.8 पवित्र उपवन तथा क्षेत्रीय विषमांगता
5.9 पवित्र उपवन तथा पशु विविधता
6. आषंकाएँ और अवसर
7. निष्कर्ष तथा अनुषंसाएँ
3 पवित्र उपवन पृष्ठभूमि और प्रेक्षण अभिलेखन
1. पृष्ठभूमि
2. अध्ययन का क्षेत्रीय विस्तार
2.1 क्षेत्रीय भूगोल
2.2 राजस्थान की जलवायु
2.3 वर्षा का स्वरूप
2.4 भूमि उपयोग पैटर्न
3. जनसंख्या गतिशीलता
3.1 मानव आबादी
3.2 पशुधन आबादी
4. प्रेक्षण विधियाँ
4.1 क्षेत्र स्तरीकरण और प्लाॅट का आकार
4.2 क्षेत्र सर्वेक्षण और आँकड़ों का एकत्रीकरण
4.2.1 वानस्पतिक प्रेक्षण व मापन
4.2.2 मानचित्रण और ओरण की सामान्य जानकारी
4.2.3 विभिन्न विघ्नों का अभिलेखन
4.3 सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण
5. मृदा विशेषताओं का निरूपण
5.1 मृदा घनत्व मापन
5.2 मृदा पी.एच. और जैविक कार्बन
5.3 मृदा पोषक तत्व
5.4 आंकड़ों की गणना और सांख्यिकीय विश्लेषण
5.4.1 विविधता चर और वन प्रकार आंकलन
5.4.2 स्थानिक प्रजातियों की संख्या और पुनर्जनन विश्लेषण
5.4.3 मृदा कार्बन घनत्व और भंडार की गणना
5.5 सांख्यिकीय विश्लेषण
4 राजस्थान में पवित्र उपवनांे की जैव विविधता एवं स्थिति
1. पृष्टभूमि
2. पवित्र वनों का प्रलेखीकरण
2.1. ओरण के बारे में मूलभूत जानकारी
2.2. स्थलाकृतिक विषेषताएँ
2.3. वानस्पतिक स्थिति
2.4. वन्य जीव
2.5. मृदा गुण
3. स्थलाकृति और मृदा अपरदन
5 पवित्र उपवनों की जैव-विविधता
1. पृष्ठभूमि
2. पवित्र उपवनों की पादप विविधता
2.1 प्रजाति संख्या और प्रजाति प्रचूरता
2.1.1 वृक्ष प्रजातियाँ
2.1.2 झ्ााड़ी प्रजातियाँ
2.1.3 वृक्षीय पौध
2.2 विविधता सूचकांक और प्रभावी प्रजाति संख्या
2.2.1 वृक्ष प्रजातियाँ
2.2.2 झ्ााड़ी प्रजातियाँ
2.2.3 वृक्षीय पौध
2.3 सिम्पसन सूचकांक का प्रतिलोम
3. विभिन्न जिलों में प्रजाति प्रचूरता एवं प्रभावी प्रजाति संख्या
4. वृक्ष प्रमुखता और विविधता
4.1 वृक्ष विविधता
4.2 वृक्षीय पौध और झ्ााड़ी विविधता
5. कृषि जलवायु क्षेत्र और पादप विविधता
6. वानस्पतिक आधारीय क्षेत्रफल
6.1 आधारीय क्षेत्रफल में स्थानिक विविधता
6.2 वृक्ष प्रभुत्व का प्रभाव
6.3 आधारीय क्षेत्रफल पर कृषि जलवायु क्षेत्रों का प्रभाव
7. वन्य जीव विविधता
7.1 पक्षी विविधता
7.2 स्तनधारी जन्तुओं की विविधता
7.3 सरीसृप
8. आई. यू. सी. एन. सूची की प्रजातियाँ
9. सांख्यिकीय संबंध
10. निष्कर्ष एवं सुझाव
6 पवित्र उपवनों में मृदा गुण एवं मृदा कार्बन भंडार
1. पृष्ठभूमि
1.1 प्राकृतिक वास की रक्षा
2. मृदीय गुण
2.1 मृदा भौतिक-रासायनिक गुण
2.2 मृदा पोषक तत्व
2.3 मृदा जैविक कार्बन और इसका घनत्व
3. मिट्टी गुणो में स्थानिक विविधताएँ
4. मृदा पर प्रमुख वृक्षों का प्रभाव
5. कृषि जलवायु क्षेत्रांे में मृदा
6. सांख्यिकीय संबंध
7. निष्कर्ष एवं अनुसंशाएँ
7 पवित्र उपवनों से आजीविका एवं इन पर संभावित खतरे
1. पृष्ठभूमि
2. पवित्र वनों के लाभ
2.1 संरक्षण एवं जल उपलब्धता
2.2 चराई के स्थान
2.3 ईंधन काष्ठ का संग्रहण
2.4 शुष्क काष्ठ संग्रहण
2.5 लघु उत्पादों का एकत्रीकरण
2.6 सामाजिक मेलमिलाप व कार्यक्रमों के लिए एक स्थान
3. पवित्र उपवनों के लिए खतरे
3.1 पारंपरिक मान्यताओं का विलोपन
3.2 शहरीकरण और विकास द्वारा हस्तक्षेप
3.3 पवित्र उपवनों का विखंडन
3.4 संस्कृति का आधुनिकीकरण
3.5 अपशिष्ट निस्तारण के बढ़ते प्रभाव
3.6 अतिचराई और ईंधन काष्ठ संग्रहण
3.7 मानव लोभ
3.8 वनीकरण कार्यक्रमों में प्रयुक्त प्रजातिया
3.9 विदेशी प्रजातियों द्वारा अवक्रमण
3.10 विभिन्न नीतियों के परिणाम
4. निष्कर्ष एवं संभावित अवसर
8 लोगों की धारणाएं और पवित्र उपवन प्रबन्धन
1. पृष्ठभूमि
2. लोगों की धारणाएँ
3. महत्वपूर्ण तथ्य
4. प्रबन्धन नीतियाँ
4.1 सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता
4.2 सरकार की नीति और योजना
4.3 प्रलेखन और चित्रण
4.4 उपवन प्रबन्धन और समुदाय संचालन
4.5 पवित्र उपवनों का पुनर्स्थापन
4.6 अति-चराई और अति उपभोग पर नियंत्रण
4.7 आक्रामक प्रजातियों पर नियंत्रण
4.7.1 लंटाना का नियंत्रण
4.7.2 प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा का नियंत्रण
4.8 क्षतिपूरक वनीकरण के तहत रूपांतरण
5. संकलन और भावी दृष्टिकोण
9 संदर्भिका
10. अनुलग्नक
अनुलग्नक 1. राजस्थान के विभिन्न जिलों के ओरणों में पाये गए वृक्ष और झ्ााड़ियों की प्रजातियाँ एवं उनके स्थानीय नाम और कुल।
अनुलग्नक 2. राजस्थान के विभिन्न जिलों के ओरणों में दर्ज की गई शाकीय और घास की प्रजातिया, उनके स्थानीय नाम और कुल।
अनुलग्नक 3. राजस्थान के विभिन्न जिलों के पवित्र उपवनों में प्रेक्षित 30 सेमी परिधि व 10-30 सेमी परिधि वाले वृक्षों का जैव विविधता सूचकांक।
अनुलग्नक 4. राजस्थान के विभिन्न जिलों के पवित्र उपवनों में प्रेक्षित झाड़ी प्रजातियाँ व 10 सेमी से कम से लेकर 3 सेमी परिधि वाले पौध का जैव विविधता सूचकांक।
अनुलग्नक 5. राजस्थान के विभिन्न जिलों के पवित्र उपवनों में प्रेक्षित 30 सेमी से अधिक व 10-30 सेमी परिधि वाले वृक्ष, झाड़ी व 10 सेमी से कम से लेकर 3 सेमी परिधि वाले पादपों का प्रमुखता सूचकांक (आइ.वी.आइ.)
अनुलग्नक 6. प्रेक्षित एवं स्थानीय लोगों के अनुसार राजस्थान के पवित्र उपवनों में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के वन्य जीव।