1. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली: ड्रिप/फव्वारा सिंचाई
1.1 ड्रिप सिंचाई क¢ प्रकार
1.2 टपक सिंचाई प्रणाली क¢ उद्देश्य
1.3 प्रमुख विशेषताएँ
1.4 टपक सिंचाई प्रणाली क¢ लाभ
1.5 टपक सिंचाई द्वारा विकसित जड़ें
1.6 मिट्टी का हवा एवं पानी से सम्बन्ध
1.7 टपक सिंचाई प्रणाली क¢ भाग
1.8 फर्टिगेशन प्रणाली
1.8.1 फर्टिगेशन क¢ लाभ
1.8.2 फर्टिगेशन में सावधानियाँ
1.8.3 फार्टिगेशन क¢ लिए उपयुक्त उर्वरकों की विशेषताएँ
1.8.4 उर्वरक की मात्रा की गणना
1.9 शीर्ष नियंत्रण इकाई
1.10 ड्रिप सिंचाई प्रणाली की डिजाइन
1.10.1 सब्जी वाली फसलों क¢ लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली की डिजाईन
1.10.2 फलों वाली फसलों क¢ लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली की डिजाईन
1.11 प्रणाली कि स्थापना क¢ प्रमुख निर्देश
1.11.1 हेड यूनिट की स्थापना
1.11.2 गड्ढों की खुदाई
1.11.3 पी.व्ही.सी. पाईप का जोड़
1.11.4 पाइपों की जोड़ फिटिग्ंस
1.11.5 ड्रिपलाइन की संस्थापना
1.11.6 टेस्ंिटग
1.12 मौसम से पहले की जाँच
1.12.1 ध्यान देने योग्य बातें
1.12.2 सामान्य सूचनाएँ
1.12.3 पंप की सफाई
1.12.4 नियमित जाँच
1.12.5 प्रणाली का संरक्षण
1.13 प्रणाली साफ रखना: देखभाल
1.13.1 रेत का अटकाव
1.13.2 प्रेशर गेज रिडींग की जाँच
1.13.3 लैटरल्स की सफाई
1.13.4 पाईप की सफाई
1.13.5 हाइड्रोसायक्लोन फिल्टर की सफाई
1.13.6 सेंड/मिडिया/ग्रॅवेल फिल्टर की सफाई
1.13.7 डिस्क फिल्टर की सफाई
1.13.8 स्क्रीन फिल्टर की सफाई
1.14 अम्ल क¢ द्वारा उपचार
1.15 क्लोरीन क¢ द्वारा उपचार
1.16 ड्रिप सिंचाई प्रणाली की लागत
1.17 ड्रिप सिंचाई प्रणाली में अनुदान
1.18 गुरुत्वीय टपक सिंचाई
1.19 फव्वारा सिंचाई
1.20 रेन गन
2. उन्नत कृषि तकनीक: संरक्षित खेती
2.1 संरक्षित खेती क्या है?
2.2 संरक्षित खेती क¢ मुख्य लाभ
2.3 संरक्षित खेती में उपयोगी विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ
2.3.1 ग्रीनहाउस अथवा पाॅली हाउस क्या है?
2.3.2 ग्रीनहाउस क¢ लाभ
2.3.3 ग्रीनहाउस की रूपरेखा क¢ लिए ध्यान देने योग्य बातें
2.3.4 ग्रीनहाउस क¢ लिए भारतीय मानक
2.3.5 ग्रीनहाउस क¢ निर्माण क¢ दौरान रखी जाने वाली सावधानियाँ
2.3.6 फूलों एवं सब्जियों क¢ लिए जलवायु की आवश्यकता
2.4 ग्रीनहाउस क¢ प्रकार
2.4.1 आंशिक रूप से वातानुकुलित ग्रीनहाउस
2.4.2 प्राकृतिक वायु संवाहित ग्रीनहाउस
2.4.3 ग्रीनहाउस क¢ निर्माण की लागत
2.4.4 पॉली हाउस में गुलाब क¢ लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली की डिजाईन
2.5 शेडनेट (छायाघर)
2.5.1 शेडनेट क¢ लाभ
2.5.2 शेडनेट क¢ उपयोग
2.5.2 छाया घर क¢ ढांचे का नियोजन
2.6 प्रकाश स्पेक्ट्रम क्या है? और यह किस प्रकार पौधों पर कार्य करता है?
2.7 शेडनेट क¢ प्रकार
2.8 कीट अवरोधी नेट हाउस
2.9 वाक-इन-टनल
2.10 लो-टनल (निचली सुरंगे)
2.11 संरक्षित खेती में ध्यान देने योग्य बातें
2.12 ग्रीनहाउस/शेडनेट निर्माण क¢ लिए अनुदान
3. मिट्टी की जाँच, पौधों में पोषक तत्वों का महत्व एवं जैविक खेती
3.1 मृदा की जाँच आवश्यक क्यों ?
3.2 मृदा का नमूना कब लें ?
3.3 मृदा का नमूना लेने क¢ लिए साम्रगी
3.4 नमूना लेने का उद्देश्य
3.5 नमूना लेते समय सावधानियाँ
3.6 नमूना एकत्रित करने की विधि
3.7 मृदा परीक्षण दोबारा कितने समय क¢ अंतराल पर कराएँ?
3.8 मृदा का पी एच और उपचार
3.9 अम्लीय मृदा का सुधार
3.10 क्षारीय और लवणमय भूमि
3.11 लवणीय भूमि
3.12 क्षारीय भूमि
3.13 लवणीय एवं क्षारीय भूमि निर्माण क¢ प्रमुख कारण
3.14 लवणीय भूमि का सुधार
3.15 क्षारीय भूमि का सुधार
3.16 पौधों क¢ लिए आवश्यक पोषक तत्वों का वर्गीकरण
3.17 पौधों क¢ लिए आवश्यक पोषक तत्व एवं उनक¢ कार्य
3.18 प्रमुख पोषक तत्वों क¢ कार्य व कमी क¢ लक्षण
3.19 जैविक खेती
3.20 जैविक खेती क¢ सिद्धांत
3.21 जैविक खेती का उद्देश्य
3.22 जैविक खेती का महत्व
3.23 जैविक खाद बनाने की विधि
3.24 वर्मीकम्पोस्ट
3.25 बायोगैस स्लरी
3.26 भभूत अमृत पानी
3.27 अमृत पानी
3.28 मटका खाद
3.29 पंचगव्य
3.30 जैविक पद्धति द्वारा जैविक कीट एवं व्याधि नियंत्रण
3.31 जैव उर्वरक
3.32 जैव उर्वरकों की प्रयोग विधि
3.33 जैव उर्वरक क¢ प्रयोग में सावधानियाँ
4. नर्सरी उत्पादन तकनीक
4.1 सब्जी उत्पादन में नर्सरी का महत्व
4.2 नर्सरी स्थापना क¢ लिए ध्यान रखनें योग्य बातें
4.3 सब्जी पौध उत्पादन की विधियाँ
4.3.1 प्रो ट्रे क¢ उपयोग द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाली पौध तैयार करना
4.3.2 प्रो ट्रे में सब्जियों की पौध उत्पादन क¢ लाभ
4.3.3 प्रो ट्रे में पौध उगानें की विधि
4.4 अच्छी गुणवत्ता वाली पौध क¢ उत्पादन क¢ लिए आवश्यक सुविधाएँ
4.5 संरक्षित स्थितियों में पौध उत्पादन क¢ लाभ
4.6 सब्जियों की पौध तैयार करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
4.7 पौधों को कठोर बनाना
4.8 संरक्षित अवस्था में पौध में फर्टीगेशन करना
4.9 प्रतिरोपण हेतु उपयुक्त पौध
4.10 तैयार पौधों की ट्रे का रखरखाव
4.11 प्रो ट्रे में पौधों का भण्डारण
4.12 व्यावसायिक स्तर पर उपलब्ध होने वाली ट्रे या कंटेनर
4.13 ऊँची उठी हुई क्यारी में सब्जी पौध उत्पादन
4.14 बीजोपचार
4.15 निर्जमीकरण की विधियाँ
4.16 मृदा सौर्यीकरण
5. मल्चिंग
5.1 प्लास्टिक मल्चिंग
5.2 बागवानी में प्लास्टिक मल्चिंग का लाभ
5.3 प्लास्टिक मल्चिंग क¢ प्रकार
5.4 मल्च का चुनाव
5.5 मल्च फिल्म की मोटाई
5.6 सब्जी वाली फसलों में प्लास्टिक मल्च को लगाने की विधि
5.6.1 सब्जी वाली फसलों में
5.6.2 फल वाली फसलों में
5.7 खेत में प्लास्टिक मल्चिंग करते समय सावधानियाँ
5.8 प्रति एकड़ प्लास्टिक मल्च का गणितीय आँकलन
5.9 प्लास्टिक मल्चिंग पर अनुदान
6. ग्रीन हाउस में उपयोग होने वाली मशीन तथा उपकरण
6.1 ग्रीन हाउस में उपयोग होने वाली मशीन
6.1.1 रेज्डबेड प्लान्टर
6.1.2 ट्रैक्टर चलित प्लास्टिक मल्च लेइंग मशीन
6.1.3 ट्रैक्टर चलित रोटावेटर
6.1.4 ट्रैक्टर चलित मिट्टी पलट हल
6.1.5 नैपसैक स्प्रेयर
6.1.6 फुटस्प्रेयर
6.2 पॉलीहाउस में उपयोग किए जाने वाले मापक यंत्र
6.2.1 स्पेड मीटर
6.2.2 इनफ्रारेड मीटर
6.2.3 लक्स मीटर
6.2.4 हाईग्रोथर्मोमीटर
6.2.5 स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर
7. ग्रीनहाउस में सब्जियों एवं फूलों का उत्पादन एवं प्रबंधन
(अ) ग्रीनहाउस में शिमला मिर्च का उत्पादन एवं प्रबंधन
7.1 ग्रीनहाउस में शिमला मिर्च उत्पादन क¢ लाभ
7.2 शिमला मिर्च की उन्नत जातियाँ
7.3 मृदा की विशेषताएँ
7.4 बिना मृदा क¢ कल्चर
7.5 पौधो को रोपने की विधि
7.6 बीज बोने का उचित समय, पौध रोपणी, घनत्व
7.7 सिंचाई
7.8 फर्टीगेशन
7.9 कल्चर विधियाँ
7.10 खरपतवार नियंत्रण
7.11 तनाव प्रबंधन (पौधकार्यिकी विकार)
7.12 रोग कारण एवं निदान
7.13 कीट नियंत्रण एवं निदान
7.14 फलों का तुड़ान एवं भण्डारण
7.15 फल तुड़ान का पौधे पर प्रभाव
7.16 तुड़ाई क¢ बाद सावधानियाँ
7.17 आर्थिक विश्लेषण
(ब) ग्रीनहाउस में टमाटर का उत्पादन एवं प्रबंधन
7.18 पौध रोपण विधि, रोपण की दूरी
7.19 टमाटर की किस्में
7.20 टमाटर में सिंचाई प्रंबधन
7.21 फर्टीगेशन
7.22 कर्षण क्रियाएँ
7.23 रोग, कारण एवं निदान
7.24 कीट नियंत्रण एवं निदान
7.25 टमाटर में दैहिक विकार
7.26 फलों की तुड़ाई, उपज
7.27 आर्थिक विश्लेषण
(स) ग्रीनहाउस में खीरे का उत्पादन एवं प्रबंधन
7.28 बीज बोने का उचित समय, मात्रा, उपचार
7.29 प्रमुख जातियाँ
7.30 रोपण की विधि, दूरी
7.31 सिंचाई प्रबंधन
7.32 फर्टीगेशन
7.33 पोषक तत्वों क¢ विकार
7.34 कर्षण क्रियाएँ